Pages

Pages

Pages

Friday, September 1, 2017

देखिए धनी लोग गिफ्ट में क्‍या देते हैं अपने प्रियजनों को

शाहजहां ने दिया ताजमहल तो अंबानी ने गिफ्ट में दिया हवाई जहाज, रईसों के तोहफे भी होते हैं कुछ कुछ हटके, तो देखें सुपर अमीर क्‍या देते हैं तोहफों में।
1 मिलयन पाउंड का कुत्‍ता
जीहां हर बच्‍चे को पेट्स पसंद होते हैं पर हर बच्‍चा सुपर वेल्‍दी क्रिस ब्राउन की बेटी तो नहीं हो सकता, जिन्‍होंने बच्‍ची को क्रिसमस गिफ्ट में दिया एक तिब्बती मैस्टिफ़ पपी जिसकी कीमत है करीब डेढ़ मिलियन डॉलर यानि 1 मिलियन पाउंड। 
10,000 डॉलर की चट्टानें
केवल हीरे मोती, महल और शानदार गाड़ियां नहीं सर सेसिल चब ने तो अपनी पत्‍नी को प्‍यार के तोहफे में प्रागैतिहासिक स्मारक गिफ्ट कर दिये थे। 1915 में एक नीलामी से सर सेसिल ने अब यूनेस्‍को की विश्‍व धरोहर बन चुके स्टोनहेंज लगभग 10,000 डॉलर में खरीदे और अपनी पत्‍नी को तोहफे में दे दिए। 
20,000 क्षमता का स्‍टेडियम 
1981 में जब अबुधाबी के शेख मोहम्‍मद की शादी शहजादी सलमा से हुई तो शेख के पिता ने मेहमानों के स्‍वागत के लिए 10.5 मिलियन डॉलर का 20,000 लोगों की क्षमता वाला एक स्‍टेडियम खरीद लिया ताकि मेहमानों का स्‍वागत कर सके और वो शादी का पूरा आनंद लें। बाद में उन्‍होंने ये ये स्‍टेडियम अपने बेटे बहु को गिफ्ट कर दिया।  
2 मिलियन की बर्फ 
जीहां तोहफों की कीमत नहीं देखी जाती शायद यही सोच कर मशहूर हॉलीवुड फिल्‍म मेकर एरॉन स्‍पेलिंग्‍स ने अपने बच्‍चों को व्‍हाइट क्रिसमस का अनुभव कराने के लिए एक बार 2 मिलियन डॉलर की बर्फ मंगा कर अपने लॉस एंजिलस के अपने घर को सजवाया। 
आसमान पर उड़ता तोहफा 
ना ना जोली यहीं नहीं रुकीं बल्‍की उन्‍होंने अपनी दीवानगी को आसमान के पार पहुंचा दिया और 2012 में ही उन्‍होंने अपने दिलबर पिट के लिए उनका फेवरेट गिफ्ट एक हैलीकॉप्‍टर खरीद कर दिया जिसकी कीमत थी 1.6 मिलियन डॉलर।  
कोहेनूर 
चलिए चले इतिहास में और याद करें वो अनमोल हीरा जो आज भी ब्रिटेन के संग्राहलय में रखा है और हर भारतीय को आकर्षित करता है। जीहां हम बात कर रहे हैं 105 कैरेट के बहुमूल्‍य कोहेनूर की जिसे 1950 में लाहौर (तब भारत का हिस्‍सा) के महाराजा दलीप सिंह ने ब्रिटेन की महारानी विक्‍टोरिया को तोइफे में दे दिया था। 
अनमोल स्‍कल्‍पचर 
और चलते चलते बता रहे हैं गिफ्ट में दिये गए एक स्‍कल्‍पचर के बारे में जिसका नाम था वॉकिंग मैन और जिसे मूर्तिकार अल्बर्टो जीकोमेट्टी ने बनाया था। ये अपने समय में सबसे कीमती 104.3 मिलियन डॉलर में बिका और इसे खरीदा रशियन टाइकून रोमन अब्रामोविच ने। इस करोड़पति ने इसे अपनी प्‍यारी पत्‍नी के लिए खरीदा था। 

आज भी मौजूद है श्रीलंका में रामायण के पांच निशान

सीता माता को हरण के दौरान रखा गया था इन स्‍थानों पर 
रावण जब माता सीता का अपहरण कर श्रीलंका पहुंचा तो सबसे पहले सीता जी को इसी जगह रखा था। इस गुफा का सिर कोबरा सांप की तरह फैला हुआ है। गुफा के आसपास की नक्‍काशी इस बात का प्रमाण है। इसके बाद जब माता सीता ने महल मे रहने से इंकार कर दिया तब उन्‍हें अशोक वाटिका में रखा गया। सीता अशोक के जिस वृक्ष के नीचे बैठती थी वो जगह सीता एल्‍या के नाम से प्रसिद्ध है। 2007 में श्रीलंका सरकार एक रिसर्च कमेटी ने भी पुष्‍टि की, कि सीता एल्‍या ही अशोक वाटिका है। बाद में हनुमान जी के लंका जलाने से भयभीत रावण ने सीता जी को अशोक वाटिका से हटा कर कोंडा कट्टू गाला में रखा था। पुरातत्व विभाग को यहां कई ऐसी गुफाएं मिली है जो रावण के महल तक जाती थी।
हनुमान जी के पद चिन्ह
रामायण मे वर्णन है जब हनुमान जी ने सीता जी को खोजने के लिए समुद्र पार किया था तब उन्होंने विशाल रूप धारण किया था। जिसके चलते जब वो श्रीलंका पहुंचे तो उनके पैर के निशान वहां बन गए। जो आज भी मौजूद हैं।
श्रीलंका में हिमालय की जड़ी-बूटी
श्रीलंका मे उस स्थान पर जहां लक्ष्मण मूर्छित होकर गिरे थे और उन्‍हे संजीवनी दी गई थी वहां हिमालय की दुर्लभ जड़ी-बूटियों के अंश मिले हैं। दावा है कि इन  जड़ी-बूटियों का श्रीलंका में पाया जाना रामायण काल की वास्‍तविकता को प्रमाणित करता है।
विशालकाय हाथी
रामायण के सुंदर कांड अध्‍याय में लिखा है लंका की रखवाली के लिए विशालकाय हाथी करता था। जिन्हें हनुमान जी ने अपने एक प्रहार से धराशाही किया था।  पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में ऐसे ही हाथियों के अवशेष मिले हैं जिनका आकार वर्तमान हाथियों से बहुत ज्‍यादा है। 
रावण का महल
पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में एक महल मिला है जिसे रामायण काल का बताया जाता है। रामायण लंका दहन का वर्णन है जब हनुमान जी ने पूरी लंका मे अपनी पूंछ से आग लगा दी थी। जलने के बाद उस जगह की की मिट्टी काली हो गई थी, इस बात के प्रमाण भी यहां से मिलते हैं। यहीं से थोड़ी दूर पर रावण एल्ला नाम से एक झरना है, जो 82 फीट की ऊंचाई से गिरता है। राम द्वारा रावण का वध करने के पश्‍चात विभीषण को लंका का राजा बनाया गया था। विभीषण ने अपना महल कालानियां में बनाया था। यह कैलानी नदी के किनारे स्थित था। नदी के किनारे पुरातत्व विभाग को उस महल के अवशेष मिले हैं।